तुम भी सूणां मिन सुणियाली, गढ़वाल ना कुमौं जालि

असली लोककलाकार वही है जो जनता की भावना को अपनी कला के माध्यम से प्रसारित करे। सच्चे कलाकार का यह दायित्व नरेन्द्र सिंह नेगी जी सदैव निभाते रहे हैं। पहाड़ की जनता के दुखदर्द और उनकी अपेक्षाओं को अपने गीतों के माध्यम से समाज के बीच रखने का उन्होने हमेशा प्रयास किया है। नेगी जी ने उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन, चिपको आन्दोलन तथा शराब विरोधी आन्दोलन से सम्बन्धित न केवल गीत गाये बल्कि यथासम्भव इन आन्दोलनों में भागीदारी भी की। उत्तराखण्ड राज्य बनने से पहले ही लोगों ने राजधानी के लिये “गैरसैंण” को एकमत से चुना था, लेकिन राजनेताओं और नौकरशाहों ने जनता की इच्छाओं को कुचलकर देहरादून को अस्थाई राजधानी घोषित किया और 10 साल बीतने के बाद भी अस्थाई राजधानी से ही काम चलाया जा रहा है। इस बीच स्थाई राजधानी के लिये स्थान चयन हेतु बनाये गये दीक्षित आयोग ने जब सरकार को सौंपी अपनी रिपोर्ट में देहरादून को ही स्थाई राजधानी के लिये उपयुक्त माना, तो गैरसैंण को राजधानी घोषित करने के लिये एक आन्दोलन की सुगबुगाहट पुन: शुरु हो गई । नेगी जी प्रारम्भ से ही गैरसैंण को राज्य की राजधानी घोषित करने के पक्षधर रहे हैं, उन्होंने भी दीक्षित आयोग पर कटाक्ष करते हुए आयोग की रिपोर्ट को सिरे से खारिज करते हुए एक गाना रच डाला। यह गाना नेगी जी की इसी साल रिलीज हुई कैसेट “सल्याना बांद” में आया है।

भावार्थ– भाइयो और बहनो तुम भी सुनो मैने तो सुन लिया। सुना है कि दीक्षित आयोग ने कहा है कि उत्तराखण्ड की राजधानी न गढ़वाल जायेगी न कुमांऊँ, बल्कि ये देहरादून ही रहेगी। अब भई उनका कहने का काम था वो कह गये, हमने सुनना था सुन लिया। लेकिन गैरसैंण राजधानी के लिये जो हमारा संघर्ष है वह तो जारी रहेगा, हमारी यह लड़ाई चलती रहेगी।

“गैरसैंण” में ही राज्य की राजधानी बनेगी यह तो (उत्तराखंड) राज्य बनने से पहले ही निश्चित कर लिया गया था, पर “सरकार” ने जनता की यह बात नहीं मानी और अब जनता गढ़वाल और कुमाऊँ के बीच स्थित “गैरसैंण” को राजधानी बनाने की ठान ली है, अब जब ठान ली तो ठान ही ली। अब जो हमारा संघर्ष है वह तो जारी रहेगा, हमारी यह लड़ाई चलती रहेगी।

दीक्षित जी आपने नौ वर्षों बाद नींद से अचानक जाग कर अपनी रिपोर्ट सौंप दी, ऐसे विद्वान पंडित जी को सादर प्रणाम। जनता के पैंसठ लाख रुपयों को बर्बाद करने के बाद आप कितनी मुश्किल से देहरादून को राजधानी के लिये खोज पाये ना। लेकिन हमने तो “गैरसैंण” को राजधानी बनाने की ठान ली है, अब जो हमारा संघर्ष है वह तो जारी रहेगा, हमारी यह लड़ाई चलती रहेगी।

सुना है उन्होने कहा है कि गैरसैण में भूकम्प आने का डर है, अब भला ऐसी जगह राजकाज कैसे चलाया जायेगा। गैरसैण में देहरादून की तरह कोई सुख सुविधा भी तो नहीं है। ऐसे तर्क (कुतर्क?) देते हुए अफसरों और नेताओं ने भी देहरादून के पक्ष में आपसी सहमति बना ली है। अब दीक्षित आयोग की रिपोर्ट चाहे जो कहे, गैरसैंण राजधानी के लिये हमारा संघर्ष जारी रहेगा।

गैरसैंण के समीप ही अलकनन्दा और पिण्डर जैसी बड़ी नदियां बहती हैं और दीक्षित आयोग का कहना है कि गैरसेण में पेयजल की कमी है। यदि हमारी जल संपदा हम प्रयोग नहीं कर पाये तो क्या हमारे संसाधन बाहर के लोगों के काम आयेंगे? अब दीक्षित आयोग की रिपोर्ट चाहे जो कहे, गैरसैंण राजधानी के लिये हमारा संघर्ष जारी रहेगा।

कांग्रेस और भाजपा जैसे राष्ट्रीय राजनैतिक दल तो कभी भी गैरसैंण के पक्ष में नहीं रहे. UKD (उक्रांद) के नेता भी इस मुद्दे पर बुरी तरह उलझन में दिखाई दे रहे है क्योंकि वह संघर्ष की बात भी करते हैं और सत्ता का सुख भी भोगना चाहते हैं, लेकिन आखिर कब तक सरकार जनता की इस जायज मांग को अनदेखा कर पायेगी? दीक्षित आयोग की राय चाहे जो भी हो, गैरसैंण राजधानी के लिये हमारा संघर्ष जारी रहेगा, हमारी यह लड़ाई चलती रहेगी।

गीत के बोल देवनागिरी में

तुम भी सूणां मिन सुणियाली, गढ़वाल ना कुमौं जालि
तुम भी सूणां मिन सुणियाली, गढ़वाल ना कुमौं जालि
उत्तराखण्डे राजधाणी- बल देहरादूणी मां रालि
दीक्षित आयोगन बोल्याली..
हाँ बल दीक्षित आयोगन बोल्याली.(कोरस)
ऊन बोल्ण छो बोल्याली, हमुन सुणन छो सुण्यालि Gairsain

ऊन बोल्ण छो बोल्यालि, हमुन सुणन छो सुण्यालि(कोरस)
या भी लड़ें लगीं राली..
या भी लड़ें लगीं राली-हाँ जी लड़ें हमरी लागी राली (कोरस)

राज से पैल्लि राजधाणी, कै छे पर सरकार नी मानी
कै छे पर सरकार नी मानी – कै छे पर सरकार नी मानी (कोरस)
गढ़वाल – कुमौं का बीच, जनता न गैरसेण ठानी
जनता न गैरसेण ठानी – जनता न गैरसेण ठानी (कोरस)
ठाणयाली त ठाणयाली
या भी लड़ें लागी राली -हाँ जी लड़ें हमरी लागी राली (कोरस)

नौ बर्षों मां सै कि जागी, धन हो पण्डाजी पैलागी
धन हो पण्डाजी पैलागी – धन हो पण्डाजी पैलागी (कोरस)
पैंसठ लाख रूप्या खर्चीकी, देहरादुण अब खोज साकि
देहरादुण अब खोज साकि – देहरादुण अब खोज साकि (कोरस)
जनता का पैसा की छार्वालि
या भी लड़े लागी राली – हाँ जी लड़ें हमरी लागी राली (कोरस)

गैरसेण बल भ्यूंचल की डर, राज काज बल कनक्वै हूण
राज काज बल कनक्वै हूण – राज काज बल कनक्वै हूण (कोरस)
सुख सुबिधा कुछ भी नी छन वख, हमरो छन्द त देहरादूण
हम रो छन्द त देहरादूण – हमरो छन्द त देहरादूण (कोरस)
अफसर नेतोंन सोच्यालि
या भी लड़े लागी राली – हाँ जी लड़ें हमरी लागी राली (कोरस)

अल्लकनंदा पिंडर नदी, नित बगणिन काणिनी gairsain-capital-march
नित बगणिन काणिनी – नित बगणिन काणिनी (कोरस)
दीक्षित आयोग जी बोलणा छन, गैरसेण बल पाणी नी
गैरसेण बल पाणी नी – गैरसेण बल पाणी नी (कोरस)
यख जल सम्पदा भैर जाली
या भी लड़े लागी राली – हाँ जी लड़ें हमरी लागी राली (कोरस)

कांग्रेस भाजप्पा नी रैन, कभि गैरसेण का हक्क मां
कभि गैरसेण का हक्क मां – कभि गैरसेण का हक्क मां (कोरस)
सडकु मां भी सत्ता मां भी, यूकेडी जख वक्क मां
यूकेडी जख वक्क मां – यूकेडी जख वक्क मां (कोरस)
सरकार कब तब बौगा साराली
या भी लड़े लागी राली – हाँ जी लड़ें हमरी लागी राली (कोरस)
या भी लड़े लागी राली – हाँ जी लड़ें हमरी लागी राली (कोरस)

गीत : [audio:tum-bhi-suna-min-sunyali-narendra-singh-negi.mp3]

इस गीत का चुनाव व हिन्दी अर्थ हमारे सदस्य और लेखक हेम पंत का है यह हमारे सदस्य नवीन सकलानी के सहयोग से तैयार है

अपना उत्तराखंड में उत्तराखंड से संबंधित गीत केवल उत्तराखंड के संगीत को बढ़ावा देने के लिये हैं। यदि आपको यह पसंद आयें तो निवेदन है कि बाजार से इन्हे सीडी या कैसेट के रूप में खरीद कर उत्तराखंडी संगीत को बढ़ावा दें। हम यथा-संभव सीडी या कैसेट की जानकारी देने का प्रयास करते हैं। यदि आपको इससे संबंधित जानकारी हो तो क़ृपया टिप्पणी में बतायें।

Lyrics of the song “Tum bhi suna min suniyali, Garhwal na kumau jaali”

Tum bhi suna min suniyali, Garhwal na kumau jaali
Tum bhi suna min suniyali, Garhwal na kumau jaali
Uttarakhande rajdhaani- bal deharadune ma raali
Dikshit aayogan boliyaali
Haan bal Dikshit aayogan boliyaali (Chorus)

Oon bolan chho bolyaali, hamun sunan chho sunyaali
Oon bolan chho bolyaali, hamun sunan chho sunyaali (Chorus)
Ya bhi ladai lagi raali
Ya bhi ladai lagi raali – haan ji Ya bhi ladai lagi raali (Chorus)

Raaj se pailli raajdhani, kai chhai par sarkaar ni maani
Kai chhai par sarkaar ni maani – kai chhai par sarkaar ni maani (Chorus)
Garhwal-kumaun ka beech, janata n Gairsain thaani
Janata n Gairsain thaani – janata n Gairsain thaani (Chorus)
Thanyali ta thanyaali
Ya bhi ladai lagi raali – haan ji Ya bhi ladai lagi raali (Chorus)

Nau varsho ma sai ki jaagi, dhan ho pandaji pailaagi
Dhan ho pandaji pailaagi – dhan ho pandaji pailaagi (Chorus)
Paisath laakh rupya
kharchiki, Dehradun ab khoj saaki
Dehradun ab khoj saaki- Dehradun ab khoj saaki (Chorus)
Janta ka paisa ki chaarvaali
Ya bhi ladai lagi raali – haan ji Ya bhi ladai lagi raali (Chorus)

Gairsain bal bhyuchal ki dar, raaj kaaj bal kanakvai hoon
Raaj kaaj bal kanakvai hoon – raaj kaaj bal kanakvai hoon (Chorus)
Sukh sividha kuchh bhi ni chhan vakh, hamaro chhand ta Dehradun
Hamaro chhand ta Dehradun – hamaro chhand ta Dehradun (Chorus)
Afsar netaun sochyaali
Ya bhi ladai lagi raali – haan ji Ya bhi ladai lagi raali (Chorus)

Allaknanda pindar nadi, nit bagnin kaanini
Nit bagnin kaanini – nit bagnin kaanini (Chorus)
Dikshit Aayog ji bolna chhan, Gairsain bal paani ni
Gairsain bal paani ni – Gairsain bal paani ni
Yakh sampada bhair jaali
Ya bhi ladai lagi raali – haan ji Ya bhi ladai lagi raali (Chorus)

Kangress Bhajappa ni rain, kabhi Garsain ka hakk ma
Kabhi Garsain ka hakk ma – kabhi Garsain ka hakk ma
Sadaku ma bhi satta ma bhi, UKD jakh vakk ma
UKD jakh vakk ma – UKD jakh vakk ma
Sarkaar kab tak bauga saaraali
Ya bhi ladai lagi raali – haan ji Ya bhi ladai lagi raali (Chorus)
Ya bhi ladai lagi raali – haan ji Ya bhi ladai lagi raali (Chorus)

You can get many such songs in our forum and download Kumaoni/Garhwali songs through the links provided there.

Disclaimer : These songs are only to promote Uttarakhandi Music. If you like these then please buy original Cd/Cassettes and help Uttarakhandi Music.

Same song was sung by Negi ji During PAHAR Program at Almora. Enjoy Clipping.

Recently he sang the same song in Mumbai during a stage show. Cliipings courtsy our member Rajneesh.

Negp Ji In Mumbai Stage Show

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11 Thoughts to “तुम भी सूणां मिन सुणियाली, गढ़वाल ना कुमौं जालि”

  1. uttam

    it sound ossummmmmmmmmmmm

  2. naveen

    पता नहीं भाई ये हमारी लडाई और कब तक लगी रहेगी…

    हेम भाई बहुत-बहुत धन्यवाद् और अपने नरेन्द्र सिंह नेगी जी के लिए भी धन्यवाद्

    अभी तक केवल उत्तराखंड के लोगो ने सुना था अब सारी दुनिया सुनेगी की उत्तराखंड अपनी राजधानी कहाँ चाहती है….

  3. पिछले दिनों इन्टरनेट पर चलाये गये अभियान के द्वारा हम गैरसैण राजधानी के समर्थन में विश्व के सैकड़ों प्रवासियों को जोड़ने में सफल रहे. हमें उम्मीद है कि उत्तराखण्ड की जनता भी गैरसैंण राजधानी की जरूरत को समझेगी और कुशल नेतृत्व मिलने पर एक धुआंधार आन्दोलन उठेगा और गैरसैंण राजधानी बन कर रहेगी…

    जै गोलू देवता, जै बदरी-केदार

    गैरसैंण में बैठेगी, उत्तराखण्ड सरकार

  4. तुम ले सोचो, मिले सोचहालि,

    राजधानी त गैरसैंणे जालि,

    चाहे क्वे पार्टी न हो ये हक्क मां,

    हम पुजोलां गैरसैंण एक धक्क मां,

    धक्क हम लगाते रुंल, जागर हम लगाते रुंल,

    ठाणि हालि त ठाणि हालि,

    लड़ैं हमरि लागि रालि,

    आज नै त भोल राजधानी हम गैरसैंण जरुर पुजोंल।

    बस्स तू……….मुट्ठी बिटिक रख………।

  5. Pushkar Gariya

    I am Pushkar Gariya belong from Gwaldam, Distt.Chamoli, Uttrankhand. I have seen website of uttrakhand, regarding purposal of capital of uttranchal in garshan. As per my view the same is correct but it’s not east possiable, when capital will be made in garsan then chance to more development of hill. It is possible as we can compre capital of shimla the same around 100 km from plan area & there are also facility of train as very diffucult way across 108 surange. We all are with your team

    Pushkar Gariya
    Haryana
    09873001466

  6. Ramchander Singh Rana

    Hi i am Ramchander singh Rana from tehari desst. though i have no objection on Garsan but i think
    Idea of capital change is like design of mohmmad-bin-tuglak .

    Ramchander Singh Rana
    Dakshin puri New Delhi

  7. puran chandra

    gairsen gi uttrakhand rajdhani banano.chahe ye liji ke le karan padol….hum sub eakath houl or phir ye liji or awaj uthan parel

  8. पिछले साल की तरह ही इस साल भी 29 अगस्त 2010 को “क्रिएटिव उत्तराखण्ड- म्यर पहाड़” और “म्यर उत्तराखण्ड” के साथी दिल्ली-गैरसैंण यात्रा का आयोजन कर रहे हैं. गैरसैंण पहुंचकर सभी लोग “गैरसैंण को उत्तराखण्ड की राजधानी” बनाने का अपना संकल्प दोहरायेंगे और आए की रणनीति पर चर्चा की जायेगी…

  9. kundan singh kulyal

    jai dev boomi…..hamr matra 13 zilok rajy chh fir lekai yatna nan rajyeki rajdhani main jan main pur din raat lagi jachi, pur bharat mai koi aur rajy na chh jai ma apn rajdhani jan main yeti samay lagnu houlo, ye hai le thuli sharme baat to u chha ki apan rajye rajdhani janhan dusar rajye sadkon bathi jan padchhu, neta log ki chani ki rajdhani lijiye lekai uttrakhan rajy andolan nyari pur pahad dubara jalo kai log rajdhani andolan main shahid haijaun tab jabeirai rajdhani gairsen banoul, bina balidan diye to hamoukai aj tak ke na milyu na kabhe millu….hito ho dajyu hito ho didi, hito ho bhayo hito ho bainyo…hamar janm bhoomi hamou kai balune, koune fir ekbari balidan dyo….

  10. Ravindra Negi Naraya

    Negi da ke sur sangars or pahadi janta ke sath main (Ravindra negi Narayanbagar Chamoli U.K)

    v rajdhani gersen main hone ki bath ka samarthan karta hoon , aaj uttarakhand main un sahido ka kahi v jikr nahi hota jinhone apne pran gawa diye jaha dekho waha sirf neta or dal ki bat hoti hai aam janta ki nahi wo log sirf apni sukh suwidhao ko dekh rahe hain kyoki unhe wo sab jije ham logo ne hi di hain wo aaj ye bhool gaye ki ak din we vik magne janta ke pas gaye the magar hosle aaj v booland hain tab piche nahi hate to aaj kya hatenge ,jese uk ko alag kiya wese hi raj dhani v gersen kar sakte hain soch lo ab bari hamari hai ab pahadi jat dikhani hi padegi

  11. bhai ek din jarur jali rajdhani gairsain. chay neta kuch bhi bola .

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